Tuesday 22 December 2015

जानें विंटर में कितना फायदेमंद है कैंडल मेनिक्योर-पेडिक्योर

सर्द मौसम त्वचा की खूबसूरती छीनकर उसे ड्राई बना देता है।  शरीर का तापक्रम कम होने से स्किन ड्राई हो जाती है।मेनिक्योर-पेडिक्योर का यह नवीनतम प्राकृतिक तरीका है।मेनिक्योर-पेडिक्योर ट्रीटमेंट कैंडल्स को गला कर किया जाता है।

सेहतमंद त्वचा खूबसूरती का सबसे नायाब तोहफा है, लेकिन सर्द मौसम त्वचा की खूबसूरती छीनकर उसे ड्राई और बेजान बना देता है। सर्दियों में शरीर का तापक्रम कम होने से आपकी स्किन ड्राई हो जाती है। सर्दियों में सौंदर्य निखारने के लिए आपको त्वचा की अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। महिलाएं इस मौसम अपने चेहरेकी देखभाल तो कर लेती हैं लेकिन हाथ और पैरों को अक्सरनजरअंदाज कर देती है। जबकि सर्द हवाओं का सबसे ज्यादाअसर हमारी हाथ और पैर की त्वचा पर पड़ता है। सर्दियों में हाथ-पैरों को अतिरिक्त मॉश्चराइजर की जरूरत होतीहै, ऐसे में आम मेनिक्योर-पेडिक्योर से लाभ नहीं पहुंचता बल्कि एक खास तरह के मेनिक्योर-पेडिक्योर कीजरूरत होती है। ऐसे में आप कैंडल थेरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें कि कैंडल मेनिक्योर-पेडिक्योर आपकी ड्राई स्किन के लिए कितना और कैसे फायदेमंद है और यह कैसे किया जाता है।  

कैंडल मेनिक्योर-पेडिक्योर:-

कैंडल मेनिक्योर और पेडिक्योर ट्रीटमेंट कैंडल्स को गला कर किया जाता है। ट्रीटमेंट के दौरान कुछ खास तरह से बनाई गई कैंडल्स को गलाया जाता है और फिर इनका  इस्तेमाल स्किन पर स्क्रब और क्रीम के रूप में किया जाता है। इससे त्वचा से मृत त्वचा निकलती है और उसे अतिरिक्त नमी प्रदान होती है। जिससे आपके पैरों और हाथों की त्वचा सर्दियों में भी नमी युक्त रहती है। यह मेनिक्योर-पेडिक्योर का नवीनतम तरीकाहै और 100 प्रतिशत तक प्राकृतिक है। इस कैंडल में जोजोबा ऑयल, कोकोआ बटर, विटामिन ई और आवश्यक तेलों को मिश्रण होता है। कैंडल से मसाज करना त्वचा को पोषण, एक्सफोलिएट और त्वचा सेल के पुनर्जनन को प्रोत्साहित करने का शानदार तरीका है।




कैंडल थेरेपी का तरीका:-  

कैंडल थेरेपी के दौरान मेनिक्योर-पेडिक्योर की शुरूआत साधारण तरीके से की जाती है। मेनिक्योर-पेडिक्योर सबसे पहले नाखूनों को काटा, फाइल, शेपिंग, क्यूटकल पर क्रीम लगाना और सफाई करना शामिल है। उसके बाद स्पेशल कैंडल जलाकर पिघलाया जाता है। पिघलने के बाद इसके वैक्स का इस्तेमाल स्क्रब के रूप में किया जाता है। इससे डेड स्किन निकल जाती है। फिर हॉट टावल रैप से त्वचा को साफ करते हैं। उसके बाद क्रीम बनाने के लिए फिर से कैंडल जलाकर पिघलाया जाता है। इस वैक्स से बनी क्रीम का इस्तेमाल अच्छे से मॉश्चराइज करने केलिए किया जाता है। उसके बाद स्किन ब्राइटनिंग पैक का इस्तेमाल हाथ और पैर के लिए किया जाता है। ये कैंडल थेरेपी आपके हाथ पैरों को अधिक नमी प्रदान करती है। 

होंठों को नैचुरली गुलाबी बनाने के लिए आजमायें हरा धनिया

चेहरे का सबसे नाजुक हिस्सा होते है होंठ।
धूम्रपान, एलर्जी आदि से काले होने लगते हैं होंठ।
होंठों को गुलाबी बनाने के लिए घरेलू उपाय अपनायें।
धनिया एक बहुत अच्छा एंटी- बैक्टीरियल एजेंट है।

गुलाबी और कोमल होंठ, हर महिला की चाहत होती है। गुलाबी होंठ चेहरे को चमकदार बनाकर खूबसूरती मे चार चांद लगा देते हैं। होंठ चेहरे का नाजुक हिस्सा है जिनमें फैट ग्लैंड नहीं होते, इसलिए होंठों को कोमल बनाये रखने के लिए बाहरी ख्याल रखना जरूरी होता है। लेकिन कई बार सूरज की हानिकारक यू वी किरणें, धूम्रपान, एलर्जी, हार्मोन असंतुलन, निर्जलीकरण, विटामिन और फैटी एसिड की कमी और बढ़ती उम्र के कारण होंठ काले होने लगते हैं।वैसे तो होंठों के कई तरह के लिपबाम उपलब्ध हैं लेकिन इनके हानिकारक असर से होंठों का कालापन और भी बढ़ने लगता है। इसलिए होंठों को गुलाबी बनाने के लिए घरेलू उपायों को अपनाना चाहिए। होंठों को आप शानदार घरेलू उपाय यानी हरे धनिया और गुलाब जल की मदद से गुलाबी बनासकते हैं। होंठों को मुलायम और गुलाबी बनाने का स्वस्थ, प्राकृतिक और आसान तरीका है क्योंकि यह मॉश्चराइजर के रूप में काम करता है। धनिया एक बहुत अच्छा एंटी- बैक्टीरियल एजेंट है औरगुलाब जल एक क्लीजरके रूप में काम करता है। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें कि हरे धनिया की पत्तियों की मदद से होंठों को कैसे गुलाबी बनाया जा सकता है।

होंठों को गुलाबी बनाये धनिया पत्तियां और गुलाबजल:-

हरे धनिये की कुछ पत्तियों को लें।फिर इन पत्तियों में थोड़ा सा गुलाबजल मिलाकर अच्छी तरह से पीस कर इसका बारीक पेस्ट बना लें।अब इस पेस्ट को होंठों पर लगाकर 10 मिनट तक अच्छी तरह से मसाज करें।10 मिनट की मसाज के बाद 10 मिनट इस पेस्ट को ऐसे ही होंठों पर लगा रहने दें।फिर होंठों को गुनगुने पानी से धो लें। धोने के लिएसाबुन या फेस वॉश का प्रयोग न करें।इसके बाद होंठों पर ऑलिव ऑयल, नारियल तेल या देसी घी लगा लें, इससे होंठ नर्म हो जाएंगे।नियमित रूप से इस उपाय को करने से आपके गहरे काले होंठों को रंग धीरे-धीरे गुलाबी रंग में बदल जाएगा।आप चेहरे पर चमक लाने के लिए भी इस उपाय को इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इस पेस्ट में आपको थोड़ा सा शहद भी मिलाना होगा।

बेदाग त्वचा पाने में इस तरह से मददगार है क्रायोथेरेपी

क्रायोथेरेपी में अंदर का तापमान -140 डिग्री होता है।तरल नाइट्रोजन के जरिये किया जाता है त्वचा को फ्रीज।इससे मस्से, अनचाहे तिल और सनबर्न को कर सकते हैं दूर।एसएलई मरीज और बच्चे ना करें इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल।

क्रायोथेरेपी का उपयोग

हॉलीवुड की अधिकतर अभिनेत्रियां खुद को जवां रखने के लिए करती हैं। यह थेरेपी आपकी त्वचा को बेदाग रखती है। इस थेरेपी में आपको या आपकी त्वचा को -140 डिग्री या उससे नीचे के तापमान में रखा जाता है। जिसके कारण ब्लड, स्किन के सर्फेस तक पहुंच जाता है। जिससे त्वचा की अशुद्ध चीजों को खून शुद्ध करता है। जिसके बाद आपकी त्वचा में बेदाग निखार हो जाता है।

इस ट्रीटमेंट में क्या होता है?

इस ट्रीटमेंट में आपके त्वचा के खराब हिस्सों या घाव वाले त्वचा को तरल नाइट्रोजन के जरिये फ्रीज किया जाता है जिससे त्वचा से जुड़ी सारी अशुद्धियां तुरंत खत्म हो जाते हैं।

इसके क्या फायदे हैं?

इस ट्रीटमेंट से मस्से, अनचाहे तिल, घातक ट्यूमर या उनकी वृद्धि औऱ सनबर्न स्कीन को ठीक किया जाता है। इसके अलावा मुँहासे और गहरे घाव के इलाज के लिए भी इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।

क्या सभी इस्तेमाल कर सकते हैं?

नहीं। इसका इस्तेमाल केवल कुछ लोग ही कर सकते हैं। सबसे पहले डर्मेटोलॉजिस्ट आपकी त्वचा की जांच करते हैं उसके बाद आपको ये ट्रीटमेंट रिकमेंड करते हैं।

इन लोगों के लिए नहीं है ये ट्रीटमेंट:-

बच्चों और 18 साल से कम किशोरों व एसएलई के मरीजों कोक्रायोथेरेपीका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

ट्रीटमेंट के साइडइफेक्ट:-

इरिटेशन, नेकरोसिस (किसी भी बॉडी टिशू का मरना) और इनफेक्शन इस ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट हैं। इसके लिए फ्रीक्वेंट सीटिंग जरूरी है।

ट्रीटमेंट का चार्ज:-

यह ट्रीटमेंट की वेरायटी पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की त्वचा के लिए ट्रीटमेंट ले रहे हैं। वैसे 2,000 रुपये इस ट्रीटमेंट का मिनिमम चार्ज है।

चुकंदर के पैक से रोकें बालों का झड़ना

बालों का झड़ना एक आम समस्या बनती जा रही है, इसके उपचार के लिए दूसरे तरीकों से कहीं अधिक फायदेमंद है चुकंदर का पैक, आइए हम बताते हैं इसका प्रयोग कैसे करें।

चुकंदर में विटामिन, प्रोटीन और फॉस्फोरस होता हैजिससे बाल मजबूत होते हैं।चुकंदर के पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसमें हल्दी और हीना मिलाकर लगायें।चुकंदर खुले रोमछिद्रों को बंद कर बालों को मजबूती प्रदान करने में सहायक है।रोज चुंकदर का जूस पीने से बाल उगते हैं और उनमें प्राकृतिक चमक भी आती है।

बालों का झड़ना और असमय गंजापन आज एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। वर्तमान में तनाव और बहुत अधिक प्रदूषण के कारण बाल झड़ने लगे हैं। हम घंटों ट्रैफिकमें फंसे रहते हैं जिसके कारण गाडि़यों से निकलने वाले धुएं का असर बालों पर पड़ता है और नतीजन बाल झड़ते हैं। अनियमित दिनचर्या और काम के दबाव के कारण तनाव ने लगभग सभी को अपनी गिरफ्त में लिया है जिसके कारण बाल झड़ते हैं। अस्वस्थ खानपान और आनुवांशिक कारण भी बालों के गिरने का कारण हैं। लेकिन इसके उपचार के लिए सबसे अच्छी दवायें आपके किचन में मौजूद हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि कैसे चुकंदर के प्रयोग से आप झड़ते बालों का उपचार कर सकते हैं।

क्या करें:-

चुकंदर के पत्तों को लेकर पानी में तब तक उबालें जबतक पानी आधा न हो जाये।अब पत्तियों को निचोड़कर अच्छे से पेस्ट बना लीजिए।अब इस पेस्ट में एक चम्मच हीना मिलाकर अपने सिर पर अच्छे से इस पेस्ट को लगायें।इस पेस्ट को 20 से 25 मिनट तक बालों में लगा रहने दें। फिर बालों को धो लें।इस तरीके को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसे सुबह केवक्त हफ्ते में 3 से 4 बार प्रयोग करें।

अलावा चुकंदर के पत्ते और हल्दी पावडर मिलाकर सिर की त्वचा पर लगाना भी अच्छा उपाय है। इस पेस्ट को रोजाना इस्तेमाल किया जा सकता है।चुकंदर के रस में थोड़ा सा सिरका मिलाकर सिर में लगाएं या फिर चुकंदर के रस में अदरक का रस मिलाकर बालों में मसाज कीजिए और सुबह बालों को धो लीजिए।चुकंदर कैसे प्रभावी हैचुकंदर में विटामिन बी और सी, फॉस्फोरस, कैल्सियम, प्रोटीन आदि जरूरी तत्व होते हैं जो बालों के विकास में सहायक हैं।ये तत्व एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह हैं जो कि बालों को प्राकृतिक रूप से निखारते भी हैं।चुकंदर से सिर के खुले रोमछिद्र बंद होते हैं जिससे बालों को मजबूती मिलती है।पोटैशियम की कमी भी बालों के झड़ने का प्रमुख कारण है और चुकंदर में पोटैशियम होता है।अगर आप बालों को बढ़ाना चाहते हैं तो रोज चुकंदर का जूस पियें। इसके अलावा पालक और गाजर का जूस भी बालों को मजबूती प्रदान करता है।

Garmi me hone wali bimari and unko rokne ke aasan upaye


Garmiyo Me Hone Waali Bimariya se bachne ka ilaz:-

Aaj Hum Garmiyo Ke Kaaran Hone Waali Bimaariyo Ke Baare Me Jaane Ge Or Un Se Bachane Ke Upaayo Ke Baare Me Baat Kare Ge.Bimariyo Ke Kaaran

1.Jyada Khaana Khana.

2.Pyaasa Rahna.

3.Nange Paav Duph Me Gumnaa.

4.Tite Kapde Pahnana.

5.Ghi Tel Se Bana Khaana,Samose,Kachodi,Parathe Aadhi Khaana.

6.Subh Sanaan N karna.

Bimariyo Se Bachane Ke Upaay:-

1.Kam Khaana Khaaye.

2.Paani Jyada Piye.

3.Baahar Nikalte Samay Kapda Sir Par Daal Kar Nikale.

4.Nimbu Paani Ka Sevan Kare.

5.Pudina,Hari Sabjiya,Tarbooj,Kele Aadhi Ka Khaane Me Upyog Kare.

6.Dhile V Suti Kapdo Ka Paryog Kare.

Body banane ke aasan tarike

Body Banane ka fast upaye:-

Agar Aap Duble Patle Hai.Or Aap Khate Pite Bahut Hai Or Aap Hasthmathun JyadaKarteHai. To Aap Gabraaye Mat Aap Badi Aasani Se Apna Hast Pust Sarir Paa Sakte Hai Aap Hasthmathun Karna Bilku Chhod De Fir Dekhe 10 Hi Din Me Apne Sarir Me Farak Or Chahre Par Chamak Aati Hai.Jarur Aajmaaye Labh 100% Hoga.

Body banane ke aasan tarike

Body Banane ka fast upaye:-

Agar Aap Duble Patle Hai.Or Aap Khate Pite Bahut Hai Or Aap Hasthmathun JyadaKarteHai. To Aap Gabraaye Mat Aap Badi Aasani Se Apna Hast Pust Sarir Paa Sakte Hai Aap Hasthmathun Karna Bilku Chhod De Fir Dekhe 10 Hi Din Me Apne Sarir Me Farak Or Chahre Par Chamak Aati Hai.Jarur Aajmaaye Labh 100% Hoga.

Girte balo ko rokna


Baalo Ko Jadne Se Roke:-

Agar Aap Ke Baal Jadh Rahe Hai Ya fir Tut Rahe Hai.To Aap Ko Gabraane Ki Jarurat Nahi Hai.Aap Ko Karna Sirf Itna Hai Ki Aap Ko Miti Ki Multani Se Sir Ko Dhona Hi Or Sempoo Aadhi Kaa Paryog N Kare Tell Sarso Ka Paryog Kare Or Tell Ki Maalish Bhi Kare.Kuchh Hi Dino Me Bal Tutne Jadne Band Ho Jaye Ge.

Sir dard ka ilaz


Sir Ka Dard Laxan :-

Sir bhari bhari ho jana or ser me dard mahsus hona. gardan ki maspesiyo me tanaw hona.1.jo vakti mansik work jayda karte hai vo saaym ko 5-6badamki giri pani me bhe de or subh onhechabachaba kar kha le or orper se garam dudh pi le. is se ser ki maspesiya majbut hoti hai.2.Jukhm se honewaleser ke dard me gram pani kare us me namk milakar us me kuchh der per rakhne se aaram milta hai.3.dena dudh ki or nimbu wali chaye pine se ser ke dard me forn aaram hota hai.4.kache chne ka ras nikal kar pine se najla or ser ka dard thick hohata hai.

Chakar aana Laxan:-

jab chakar aate hai aaspaska vatvarn gumta dhikhi detahai,ji michlta hai,ultiyo ki bhi sambhwna hoti hai.Upchar :-1.grmiyo me chakar aane par awle ka murbha le skte hai.2.ji mechlane par le jaye.3.kali mirch bhunkar desi ghi misri milakar khne se labh hota hai.

Aadaha Ser Ka DardLaxan :-

ser ke ek bhag me hota hai.is ka samband aankho ki kamjori se hota hai ,mital or ultiyo se hai.1.jis tarf dard hai us naak se garam kiya ho sarso ka tel thanda kiya hua tel sungne se ser ka dard thick ho jata hai.2.Raat me sote smye me pero ke talwo me malis karne se achank hone waly ser ke dard thick ho jata hai.3.ghi or keser ko ek sath sungne se aadhe ser ka dard thick ho jata hai.4.gaye ka ghi din me 2-3 dar sungne se aadhe ser ka dard thick ho jata hai.

For beautiful skin

Sundar Banane ke Gharelu Nuske

1.Doop me aksar hamari tavcha kali pad jati hai.Aam ke pate,jaamun,Daru haldi,good or haldi ki baraabar maatra milakar lep bana kar pure sarir par lagaye or kuchh der baad aap sanan kare tavcha nikhar jaati hai.

2.Do chamach Soyabin ka aata,Ek bada chamach dahi or sahad milakar lep bana le or chahre par lagaaye kuchh der baad aap chahre ko saf kare is se tavcha me kasavat aati hai.

3.Nim ki patiya,Gulab ki patiya,Gende ka phool sabhi ko ek katori pani me ubaal le is ras ko aap chahre par lagaye.is se muhaase nikaalne band ho jate hai.

Ab Apni Sundarta Ko Badaaye Phalo Or Sabjiy Se:-

Hum Logo se sunane me pata Lag jata hai ki hari sabjiyo or phalo me vitamin A,B,C aadhi vitamin vidymaan hote hai.Hum Hari sabjiyo or Phalo se hum apni sundarta ko baada sakte hai.KharbujeKharbujo se sakin karim banti hai jo Tavacha ko Chamkdaar banaane ke kaam aata hai.KhiraKhire Ko aankho ke aas paas hone vale kaale gero ko dur karne ke liye paryog kar sakte hai.LahsunLahsun ke sevan se Umar ke asar ko kam kiya jaa sakta hai.NimbuNimbu tavacha ke liye balich ka kaam karta hai.or tavcha ko mulaayam banata hai.Kohani or gutno ko saaf karne ke liye bhi paryog kiya jaata hai.

Sir dard ka ilaz


Sir Ka Dard Laxan :-

Sir bhari bhari ho jana or ser me dard mahsus hona. gardan ki maspesiyo me tanaw hona.1.jo vakti mansik work jayda karte hai vo saaym ko 5-6badamki giri pani me bhe de or subh onhechabachaba kar kha le or orper se garam dudh pi le. is se ser ki maspesiya majbut hoti hai.2.Jukhm se honewaleser ke dard me gram pani kare us me namk milakar us me kuchh der per rakhne se aaram milta hai.3.dena dudh ki or nimbu wali chaye pine se ser ke dard me forn aaram hota hai.4.kache chne ka ras nikal kar pine se najla or ser ka dard thick hohata hai.

Chakar aana Laxan:-

jab chakar aate hai aaspaska vatvarn gumta dhikhi detahai,ji michlta hai,ultiyo ki bhi sambhwna hoti hai.Upchar :-1.grmiyo me chakar aane par awle ka murbha le skte hai.2.ji mechlane par le jaye.3.kali mirch bhunkar desi ghi misri milakar khne se labh hota hai.

Aadaha Ser Ka DardLaxan :-

ser ke ek bhag me hota hai.is ka samband aankho ki kamjori se hota hai ,mital or ultiyo se hai.1.jis tarf dard hai us naak se garam kiya ho sarso ka tel thanda kiya hua tel sungne se ser ka dard thick ho jata hai.2.Raat me sote smye me pero ke talwo me malis karne se achank hone waly ser ke dard thick ho jata hai.3.ghi or keser ko ek sath sungne se aadhe ser ka dard thick ho jata hai.4.gaye ka ghi din me 2-3 dar sungne se aadhe ser ka dard thick ho jata hai.

मंदबुद्धि



विद्यालय में सब उसे मंदबुद्धि कहते थे । उसके गुरुजन भी उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह पढने में बहुत कमजोरथा और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था।कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था । और बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे । पढने जाना तो मानो एक सजा के समान हो गया था, वह जैसे ही कक्षा में घुसता और बच्चे उस पर हंसने लगते , कोई उसे महामूर्ख तो कोई उसे बैलों का राजा कहता ,

यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते । इन सबसे परेशान होकर उसने स्कूल जाना ही छोड़ दिया ।अब वह दिन भर इधर-उधर भटकता और अपना समय बर्वाद करता । एक दिन इसी तरह कहीं से जा रहा था , घूमते – घूमते उसे प्यास लग गयी । वह इधर-उधर पानी खोजने लगा। अंत में उसे एक कुआं दिखाई दिया। वह वहां गया और कुएं से पानी खींच कर अपनी प्यास बुझाई। अब वह काफी थक चुका था, इसलिए पानी पीने के बाद वहीं बैठ गया। तभी उसकी नज़र पत्थर पर पड़े उस निशान पर गई जिस पर बार-बार कुएं से पानी खींचने की वजह से रस्सी का निशाँ बन गया था । वह मन ही मन सोचने लगा कि जब बार-बार पानी खींचने से इतने कठोर पत्थर पर भी रस्सी का निशानपड़ सकता है तो लगातार मेहनत करने से मुझे भी विद्या आ सकती है। उसने यह बात मन में बैठा ली औरफिर से विद्यालय जाना शुरू कर दिया।




कुछ दिन तक लोग उसी तरह उसका मजाक उड़ाते रहे पर धीरे-धीरे उसकी लगन देखकर अध्यापकों ने भी उसे सहयोग करना शुरू कर दिया । उसने मन लगाकर अथक परिश्रम किया।कुछ सालों बाद यही विद्यार्थी प्रकांड विद्वानवरदराजके रूप में विख्यात हुआ, जिसने संस्कृत में मुग्धबोध और लघुसिद्धांत कौमुदी जैसे ग्रंथों की रचना की। “आशय यह है कि हम अपनी किसी भी कमजोरी पर जीत हांसिल कर सकते हैं , बस ज़रुरत है कठिन परिश्रम और धैर्य के साथ अपने लक्ष्य के प्रति स्वयं को समर्पित करने की।

मैं सबसे तेज दौड़ना चाहती हूँ !

विल्मा रुडोल्फका जन्म टेनिसी के एक गरीब परिवार में हुआ था. चार साल की उम्र में उन्हें लाल बुखार केसाथ डबल निमोनिया हो गया,जिस वजह से वह पोलियो से ग्रसित हो गयीं. उन्हें पैरों में ब्रेस पहनने पड़ते थे और डॉक्टरों के अनुसार अब वो कभी भी चल नहीं सकती थीं.लेकिन उनकी माँ हमेशा उनको प्रोत्साहित करती रहतीं और कहती कि भगवान् की दी हुई योग्यता ,दृढ़ता और विश्वास से वो कुछ भी कर सकती हैं.विल्मा बोलीं, ”मैं इस दुनिया कि सबसे तेज दौड़ने वाली महिला बनना चाहती हूँ .”डॉक्टरों की सलाह के विरूद्ध 9 साल की उम्र में उन्होंने ने अपने ब्रेस उतार फेंकें और अपना पहला कदम आगे बढाया जिसे डोक्टरों ने ही नामुमकिन बताया था .




13 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार रेस में हिस्सा लिया और बहुत बड़े अन्तर से आखिरी स्थान पर आयीं. और उसके बाद वे अपनी दूसरी,तीसरी,और चौथी रेस में दौड़ीं औरआखिरी आती रहीं,पर उन्होंने हार नहीं मानी वो दौड़ती रहीं और फिर एक दिन ऐसा आया कि वो रेस मेंफर्स्ट आ गयीं.  15  साल की उम्र में उन्होंने टेनिसी स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिल ले लिया,जहाँ उनकी मुलाकात एक कोच से हुई जिनका नाम एड टेम्पल था .उन्होंने ने कोच से कहा, ”मैं इस दुनिया की सबसेतेज धाविका बनना चाहती हूँ.”टेम्पल ने कहा,”तुम्हारे अन्दर जिस तरह का जज़्बा हैं तुम्हे कोई रोक नहीं सकता,और उसके आलावा मैं भी तुम्हारी मदद करुगा.”देखते-देखते वो दिन आ गया जब विल्मा ओलंपिक्स में पहुँच गयीं  जहाँ अच्छे से अच्छे एथलीटों केसाथ उनका मुकाबला होना था,जिसमे कभी न हारने वालीयुटा हीनभी शामिल थीं. पहले 100 मीटर रेस हुई,विल्मा ने युटा को हराकर गोल्ड मैडल जीता,फिर 200 मीटर  का मुकाबला हुआ,इसमें भी विल्माने युटा को पीछे छोड़ दिया और अपना दूसरा गोल्ड मैडल जीत गयीं . तीसरा इवेंट 400 मीटर रिले रेस थी,जिसमे अक्सर सबसे तेज दौड़ने  वालाव्यक्ति अंत में दौड़ता है .



विल्मा और युटा भी अपनी-अपनी टीम्स में आखिरी में दौड़ रही थीं. रेस शुरू हुई,पहली तीन एथलीट्स ने आसानी से बेटन बदल लीं,पर जब विल्मा की बारी आई तो थोड़ी गड़बड़ हो गयी और बेटन गिरते-गिरते बची,इस बीच युटा आगे निकल गयी,विल्मा ने बिना देरी किये अपनी स्पीड बढ़ाई  और मशीन की तरह दौड़ते हुए आगे निकल गयीं और युटा को हराते हुए अपना तीसरा गोल्ड मैडल जीत गयीं. यह इतिहास बन गया : कभी पोलियो से ग्रस्त रही महिला आज दुनिया की सबसे तेज धाविका बन चुकी थी.

दर्जी की सीख

एक दिन स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकानदर्जी की सीखपर चला गया ।वहाँ जाकरवह बड़े ध्यान से अपनेपापा को काम करते हुए देखने लगा । उसने देखाकि उसके पापा कैंची सेकपड़े को काटते हैं औरकैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं । फिर सुई से उसको सीते हैं और सीनेके बाद सु ई को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं ।




जब उसने इसी क्रिया को चार-पाँच बार देखा तो उससे रहा नहीं गया, तो उसने अपनेपापा से कहा कि वह एक बात उनसे पूछना चाहता है ? पापा ने कहा- बेटा बोलो क्या पूछना चाहते हो ? बेटा बोला- पापा मैं बड़ी देर से आपको देख रहा हूं , आप जब भी कपड़ा काटते हैं, उसके बाद कैंची को पैर के नीचे दबा देते हैं, और सुई से कपड़ा सीने के बाद, उसे टोपी पर लगा लेते हैं, ऐसा क्यों ? इसका जो उत्तर पापा ने दिया- उन दो पंक्तियाँ में मानों उसने ज़िन्दगी का सार समझा दिया ।उत्तर था- ” बेटा, कैंची काटने का काम करती है, और सुई जोड़ने का काम करती है, और काटने वाले की जगह हमेशा नीची होती है परन्तु जोड़ने वाले की जगह हमेशा ऊपर होती है । यही कारण है कि मैं सुई को टोपी पर लगाता हूंऔर कैंची को पैर के नीचे रखता हूं ।”

तीन साधू

एक औरत अपने घर से निकली , उसने घर के सामने सफ़ेद लम्बी दाढ़ी में तीन साधू-महात्माओं को बैठे देखा . वहधन प्रेम सफलताउन्हें पहचान नही पायी .उसने कहा , ” मैं आप लोगों को नहीं पहचानती , बताइए क्या काम है ?”” हमें भोजन करना है .”, साधुओं ने बोला .” ठीक है ! कृपया मेरे घर में पधारिये और भोजन ग्रहण कीजिये .”” क्या तुम्हारा पति घर में है ?” , एक साधू ने प्रश्न किया .“नहीं, वह कुछ देर के लिए बाहर गए हैं .” औरत ने उत्तर दिया .” तब हम अन्दर नहीं आ सकते “, तीनो एक साथ बोले .थोड़ी देर में पति घर वापस आ गया ,

उसे साधुओं के बारे में पता चला तो उसने तुरंत अपनी पत्नी से उन्हें पुन: आमंत्रित करने के लिए कहा।औरत ने ऐसा ही किया , वह साधुओं के समक्ष गयी और बोली,” जी, अब मेरे पति वापस आ गए हैं , कृपया आप लोग घर में प्रवेश करिए !”” हम किसी घर में एक साथ प्रवेश नहीं करते .” साधुओं ने स्त्री को बताया .” ऐसा क्यों है ?” औरत ने अचरज से पूछा .जवाब में मध्य में खड़े साधू ने बोला ,” पुत्री मेरी दायीं तरफ खड़े साधू का नाम ‘धन’ और बायीं तरफ खड़े साधू का नाम ‘सफलता’ है , और मेरा नाम ‘प्रेम’ है . अब जाओ और अपने पति से विचार-विमर्श कर के बताओ की तुम हम तीनो में से किसे बुलाना चाहती हो।”औरत अन्दर गयी और अपने पति से सारी बात बता दी . पति बेहद खुश हो गया . ” वाह , आनंद आ गया , चलो जल्दी से ‘धन’ को बुला लेते हैं , उसके आने से हमारा घर धन-दौलत से भर जाएगा ,

और फिर कभी पैसों की कमी नहीं होगी .”औरत बोली ,” क्यों न हम सफलता को बुला लें , उसके आने से हम जो करेंगे वो सही होगा , और हम देखते-देखते धन-दौलत के मालिक भी बन जायेंगे .”“हम्म , तुम्हारी बात भी सही है , पर इसमें मेहनत  करनी पड़ेगी , मुझे तो लगता ही धन को ही बुला लेते हैं .” , पति बोला .थोड़ी देर उनकी बहस चलती रही पर वो किसी निश्चय पर नहीं पहुच पाए , और अंतत: निश्चय किया कि  वह साधुओं से यह कहेंगे कि धन और सफलता में जो आना चाहे आ जाये।औरत झट से बाहर गयी और उसने यह आग्रह साधुओं के सामने दोहरा दिया .उसकी बात सुनकर साधुओं ने एक दूसरे  की तरफ देखा और बिना कुछ कहे घर से दूर जाने लगे।” अरे ! आप लोग इस तरह वापस क्यों जा रहे हैं ?” , औरत ने उन्हें रोकते हुए पूछा .” पुत्री ,दरअसल हम तीनो साधू इसी तरह द्वार-द्वार जाते हैं , और हर घर में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं , जो व्यक्ति लालच में आकर धन यासफलता को बुलाता है हम वहां से लौट जाते हैं , और जो अपने घर  में प्रेम का वास चाहता है उसके यहाँबारी- बारी से हम दोनों भी प्रवेश कर जाते हैं . इसलिए इतना याद रखना कि जहाँ प्रेम है वहां धन और सफलता की कमी नहीं होती ।”, ऐसा कहते हुए धन औरसफलता नामक साधुओं ने अपनी बात पूर्ण की .

घमंडी कौवा

हंसों का एक झुण्ड समुद्र तट के ऊपर से गुज़र रहा था , उसी जगह एक कौवा भी मौज मस्ती कर रहा था .उसनेघमंडी कौवाहंसों को उपेक्षा भरी नज़रों से देखा “तुम लोग कितनी अच्छी उड़ान भर लेते हो !” कौवा मज़ाक के लहजे में बोला, “तुम लोग और कर ही क्या सकते हो बस अपना पंख फड़फड़ा कर उड़ान भर सकते हो !!!  क्या तुम मेरी तरह फूर्ती से उड़ सकते हो ??? मेरी तरह हवा में कलाबाजियां दिखा सकते हो???…नहीं , तुम तो ठीक से जानते भी नहीं कि उड़ना किसे कहते हैं !”कौवे की बात सुनकर एक वृद्ध हंस बोला ,” ये अच्छी बात है कि  तुम ये सब कर लेते हो , लेकिन तुम्हे इस बात पर घमंड नहीं करना चाहिए .”” मैं घमंड – वमंड नहीं जानता , अगर तुम में से कोई भी मेरा मुकाबला कर सकत है तो सामने आये और मुझे हरा कर दिखाए .”एक युवा नर हंस ने कौवे की चुनौती स्वीकार कर ली . यह तय हुआ कि प्रतियोगिता दो चरणों में होगी , पहले चरण में कौवा अपने करतब दिखायेगा और हंस को भी वही करके दिखाना होगा और दूसरे चरण में कौवे को हंस के करतब दोहराने होंगे .प्रतियोगिता शुरू हुई , पहले चरण की शुरुआत  कौवे ने की और एक से बढ़कर एक कलाबजिया दिखाने लगा ,  वह कभी गोल-गोल चक्कर खाता तो कभी ज़मीन छूते  हुए ऊपर उड़ जाता . वहीँ हंस उसके मुकाबले कुछ ख़ास नहीं कर पाया . कौवा अब और भी बढ़-चढ़ कर बोलने लगा ,” मैं तो पहले ही कह रहा था कि तुम लोगों को और कुछ भी नहीं आता …ही ही ही …”फिर दूसरा चरण शुरू हुआ , हंस ने उड़ान भरी और समुद्र की तरफ उड़ने लगा . कौवा भी उसके पीछे हो लिया ,” ये कौन सा कमाल दिखा रहे हो , भला सीधे -सीधे उड़ना भी कोई चुनौती है ??? सच में तुम मूर्ख हो !”, कौवा बोला .पर हंस ने कोई ज़वाब नही दिया और चुप-चाप उड़ता रहा, धीरे-धीरे  वे ज़मीन से बहुत दूर होते  गए और कौवे का बडबडाना भी कम होता गया ,

और कुछ देर में बिलकुल ही बंदहो गया . कौवा अब बुरी तरह थक चुका था , इतना कि  अब उसकेलिए खुद को हवा में रखना भी मुश्किल हो रहा था और वो बार -बार पानी के करीब पहुच जा रहा था . हंस कौवे की स्थिति समझ रहा था , पर उसने अनजान बनते हुए कहा ,” तुम बार-बार पानी क्यों छू रहे हो , क्या ये भी तुम्हारा कोई करतब है ?””नहीं ” कौवा बोला ,” मुझे माफ़ कर दो , मैं अब बिलकुल थक चूका हूँ और यदि तुमने मेरी मदद नहींकी तो मैं यहीं दम तोड़ दूंगा ….मुझे बचा लो मैं कभी घमंड नहीं दिखाऊंगा …”हंस को कौवे पर दया आ गयी, उसने सोचा कि चलो कौवा सबक तो सीख ही चुका है , अब उसकी जान बचाना ही ठीक होगा ,और वह कौवे को अपने पीठ पर बैठा कर वापस तट  की और उड़ चला.दोस्तों,हमे इस बात को समझना चाहिए कि भले हमें पता नाहो पर हर  किसी में कुछ न कुछ quality होती है जो उसे विशेष बनाती है. और भले ही हमारे अन्दर हज़ारों अच्छाईयां हों , पर यदि हम उसपे घमंड करते हैं तो देर-सबेर हमें भी कौवे की तरह शर्मिंदा होना पड़ता है। एक पुरानी कहावत भी है ,”घमंडी का सर हमेशा नीचा होता है।” , इसलिए ध्यान रखिये कि कहीं जाने -अनजाने आप भी कौवे वाली गलती तो नहीं कर रहे ?

Ladka ladki funny joke

लड़का (लड़की से) : तुम्हारी शर्ट फटी हुई है… लड़की : तुम नहीं समझोगे… ये आजकल का फैशन है… लड़का : क्या यार ! साला तुम फाड़ो तो फैशन और हम...